Sunday, June 13, 2010

14 june

बहुत दूर मगर बहुत पास रहते हो, आखों से दूर मगर दिल के पास रहते हो।
मुझे बस इतना बता दो, क्या तुम भी मेरे बिना उदास रहते हो।।
आंखें खुलें तो चेहरा तुम्हारा हो, आंखें बंद हो सपना तुम्हारा हो।
मुझे मौत का डर न होगा, अगर कफन की जगह दुप्पटा तुम्हारा हो।।
हम न होते तो आपको गजल कौन कहता, आपके चेहरे को गुलाब कौन कहता।
ये तो करिश्मा है हम प्यार करने वालों का, वरना पत्थरों को ताजमहल कौन कहता।।

No comments:

Post a Comment